The best Side of भाग्य Vs कर्म
The best Side of भाग्य Vs कर्म
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उसकी तार्किक व्याख्या इस प्रकार दी जाती है की ….फल की चिंता अर्थात स्ट्रेस या तनाव जब हम कोई काम करते समय जरूरत से ज्यादा ध्यान फल या get more info रिजल्ट पर देते हैं तो तनाव का शिकार हो जाते हैं
ज्योतिष कर्मशास्त्र का ही एक हिस्सा है भाग्य को कोई काट नहीं सकता, भाग्य ने जो लिख दिया समझो लिख दिया। इस बात से डरने की कोई वजह नहीं, क्योंकि भाग्य भी हम ही बनाते हैं।
क्या राम और कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार नहीं हैं?
खासतौर से अभय दीक्षित जी ने और अटूट बन्धन ब्लॉग से वंदना बाजपेयी जी ने तो इस वाद-विवाद प्रतियोगिता का स्तर काफी ऊँचा कर दिया.
कर्म अलौकिक प्रतीत हो सकता है, लेकिन यह एक सरल नियम का काम है। हम जो भी देते हैं, वही हमें प्राप्त होता है।
कर्म करने वालों से जो बच जाता है वही भाग्य पर भरोसा करने वालों को मिलता है”
हम सब जानते हैं असफलताओं और मेहनत से भरा ये सफ़र आसान नहीं है
अरे ,ये तो भाग्य है
काम्बली और तेंदुलकर का उदहारण अक्सर दिया जाता है
राजकीय सेवा पाने के लिए संघर्षरत कोई युवा जब प्रतियोगिता में अपेक्षित प्रतिशत प्राप्तांक प्राप्त करने के बाद भी सिर्फ इस लिए उसे चयनित नही किया जाता की उसे संविधान में आरक्षण प्राप्त नही है। आप उस युवा की इस आधारहीन विफलता पर उससे क्या कहेंगे की कर्म हमेशा भाग्य से बड़ा होता हैं???????
ज्योतिष तो समय और कर्म की ही बात करता है। ज्योतिष कहता है कि इस समय में ऐसे कर्म करो और भाग्य बदल जाएगा, मगर मैं तुम्हें लिखकर दे सकता हूं कि भाग्य नहीं बदल सकता।
प्रत्येक दया का कार्य, सत्य बोलना, दूसरों की मदद करना हमारे रिश्तों की गुणवत्ता में सुधार करता है क्योंकि हम एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। नकारात्मक प्रतिक्रिया या चेतावनियों जैसे कि असत्य होना, असावधान होना, या बलपूर्वक होना रिश्तों को नष्ट करता है और इसके परिणामस्वरूप विरोध और बहिष्कार होता है।
आचार्य जी-नहीं, न ज्योतिष सीखना समय की बर्बादी है और न ही उसका लाभ उठाना। मगर हमें यह जानना अति आवश्यक है कि हम कर्म और भाग्य दोनों के महत्त्व को समझें और जान सकें, वरना ज्योतिष सीख कर भी तुम ऐसे सवालों का जवाब किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं दे पाओगे जो इसमें फर्क समझना चाहता है।
I feel in almost all of situations luck prevails above labour or karma. I have noticed a lot of such people that experienced never been serious about their occupation and put in time aimlessly with mates and continue to got superior position.
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